Happy Birthday, Moussa Sissoko: A Midfield Dynamo! (15 august)

ये तो बोरिस का दिन था
जिन्होने भी मोहन बागान का जमशेदपुर के बीच का वो मैच देखा होगा उनको साफ पता होगा की कल के मैच में बोरिस ही थे जो हीरो साबित हुए ये पर किन कारणो से ये हुआ चलिए उस पर नजर मारे :-
सुभाशीष का ट्रैक बैक नहीं करना
अगर बोरिस का दिन था तो जिसका बिलकुल दिन नहीं था वो थे सुभाशीष, माना की बोरिस ने दो गोल दागे थे पर उनको ट्रैक बैक नहीं कर पाए सुभाशीष, दूसरा अगर आप लोग सिर्फ २ गोल को ही याद कर रहे है तो प्रीतम कोतल का वो सेफ भी याद रखना चाहिए जिसमे विशाल कैथ पूरी तरह से बोरिस के हाथो से चकरा गए और गोल पोस्ट पूरी छोड़ दी
करिवल्लरो को मत भूले
दूसरा खलाड़ी अगर बोरिस के बाद कहे की जमशेदपुर सबसे बेहतर खेला होगा वो है करिवल्लरो जिन्होने दूसरे गोल पर असिस्ट किया था और एक बार तो फ्री किक से गोल पोस्ट को दन दना दिया था
फिल्क हैडर
इसके इलावा जो मुझे सबसे जायदा प्रवाभित कर गई वो थी फिल्क हैडर जिस से बॉल हर बार फाइनल थर्ड लाइन के अंदर रन बनाते स्ट्राइकर को मिल जाती थी और जहाँ चेस्ट डाउन कर के बॉल को खेलने में समय लगने पर डिफेंडर बॉल ले लेता था वही जामेशपुर स्ट्राइकर डिफेंस लाइन के अंदर आ जाते थे. जसका कारण वश जमशेदपुर ३-० से जीत जाती है उम्मीद करते है अगले वर्ष हमे इसतरह की ही जमशेदपुर देखने को मिले गी
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